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'अच्‍छा दुश्‍मन' तक न बन सका पाकिस्‍तान...

'अच्‍छा दुश्‍मन' तक न बन सका पाकिस्‍तान...

नफरत की बुनियाद पर खींची गई हिंदुस्तान और पाकिस्तान की सरहद की लकीरों के ऊपर आज भी नफऱत हावी है. एक अच्छे पड़ोसी को छोड़िए, एक अच्छे दुश्मन से भी ऐसी दुश्‍मनी की उम्मीद नहीं थी, जो पाकिस्तान ने दिखाई. सरहद पर लड़ना, सरहद की हिफाजत के दौरान मरना-मारना हर फौजी का फर्ज है. पर सर काटकर ले जाना सिर्फ और सिर्फ जंगलीपन और दरिंदगी है और पाकिस्तान ये काम बहुत पहले से करता रहा है.

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