अगर पुलिस, कानून, अदालत, इंसाफ, जुर्म, सजा. ये तमाम चीजें ना होतीं, तो क्या होता? जाहिर है हर हाथ कानून होता. हर हाथ इंसाफ और हर हाथ जल्लाद. पर शुक्र है कि इंसानों की बस्ती में. इंसानों का बनाया कानून चलता है. लेकिन जो मंज़र हम आपको दिखाने जा रहे हैं. वो किसी जंगल राज से कम नहीं? दिल दहला देनेवाली तस्वीरों से पहले हम आपको पाकिस्तान की एक टीवी पत्रकार से मिलवाते हैं. वो पत्रकार जो पाकिस्तानी मजनुओं के पीछे हाथ धो कर ही नहीं बल्कि कैमरा ढो कर पड़ गई हैं.