कहीं ये साज़िश तो नहीं? साज़िश...भाई को भाई के हाथों मरवाने की? साज़िश खरबों के कारोबार को बर्बाद करने की? साज़िश झूठ को सच बचाने की? बिज़नेस टायकून पौंटी चड्ढा और उसके भाई की मौत को लेकर अचानक कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. और ये सवाल उठ रहे हैं फ़ोरेंसिक जांच, पुलिस की तफ्तीश और चश्मदीदों के बदलते बयानों से. और इन्हीं सवालों ने सवाल खड़े कर दिए हैं खुद सुखदेव सिंह नामधारी पर भी. जो इत्तेफाक से इस शूटआउट के चश्मदीद भी हैं.