अब तक की पूछताछ में जो कुछ सामने आया है उसके मुताबिक रविंद्र शराब के साथ-साथ गांजा भी पीता था. इसी के बाद नशें में वो रात को घर से बिहर निकलता. उसके निशाने पर तीन से आठ साल की उम्र के गरीब घर के बच्चे होते. क्योंकि उसे पता था कि गरीब मां-बाप पलिस-कानून के ज्यादा चक्कर नहीं काटते.