फर्ज़ कीजिए कोई शख्स किसी संगीन गुनाह को अंजाम दे और उसे सज़ा की बजाय ईनाम मिले, तो फिर नतीजा क्या होगा? जवाब सीधा सा है, ईनाम पानेवाला शख्स फिर से वही गुनाह करेगा जिसकी वजह से उसे पहले ही सज़ा मिलनी चाहिए थी. गुड़िया के गुनहगार की कहानी कुछ ऐसी ही है.