एक तरफ़ रिश्वत ना लेने की क़सम और दूसरी तरफ़ दिल में दबी दोनों हाथों से सबकुछ बटोर लेने का लालच. भ्रष्टाचार ने जमी-जमाई सरकारों की चूल्हें हिला दीं. गुस्साई अवाम ने लालची सियासतदानों को उखाड़ फेंका. दिल्ली में तख्तो-ताज बदल गया. पर नहीं बदली तो हमारी रिश्वत लेने और देने की फितरत. यकीन नहीं आता, तो देखिए उसी दिल्ली का नया सच जिस दिल्ली पर आप ने ईमानदारी की झाड़ू फेर दी है. पर आप उनपर कब झाड़ू चलाएंगे जिन्हें आपकी झाड़ू की सबसे ज्यादा जरूरत है.