आतंक जब दस्तक देता है तो ज़ेहन पर दर्ज तमाम धुंधली, दर्दभरी यादें फिर से ताज़ा हो जाती हैं. हम ना चाहते हुए भी आपको एक बार फिर उसी तकलीफ़ से गुज़ारेंगे जो आपने चंद अरसे पहले महसूस की थी.