क्या आपने कभी सोचा है कि मैच फिक्सिंग का इलज़ाम हमेशा पाकिस्तानी टीम पर ही क्यों लगता है? क्यों हर बार पाकिस्तानी खिलाड़ी ही फिक्स होते हैं और क्यों हमेशा वही पकड़े भी जाते हैं? आखिर क्या वजह है कि पाकिस्तानी क्रिकेटर सबसे आसानी और सबसे सस्ते में बिक जाते हैं? तो इन सवालों का एक ही जवाब है. और वो ये कि जब दुनिया का सबसे बड़ा फिक्सर ही पाकिस्तान की गोद में बैठा हो तो फिर उसके बाकी सपूत अपना रंग क्यों नहीं दिखाएंगे?