देशभक्ति का जज्बा अगर दिल में भरा हो तो ईमानदारी कभी बेचारी नहीं हो सकती. लेकिन हमारी देशभक्ति तो वर्ल्ड कप में तिरंगा लहराने से शुरू होती है और कप जीतने के साथ खत्म. ऐसे में देश कब बौना हो जाता है और जेब बड़ी पता ही नहीं चलता. हमारी इसी आदत की वजह से भारत और भ्रष्टाचार मौसेरे भाई की तरह हो गये हैं.