वहां जाना सचमुच मना है, क्योंकि वहां जो भी एक तय हद से आगे गया, वो फिर कभी लौटा ही नहीं. बस यूं समझ लीजिए कि अंदर जाने के बाद अगर आधे घंटे तक बाहर नहीं आता, तो समझ लीजिए कि वो फिर कभी नहीं आएगा. यह बात है एक ऐसी गुफा कि जिसमें दाखिल होने का रास्ता तो है, पर उसका दूसरा कहां खुलता है, खुलता भी है या नहीं, ये कोई नहीं जानता.