वासिफ हैदर ने अपनी जिंदगी के कई अनमोल साल सलाखों के पीछे गुजार दिए. उन्हें बुरी तरह टॉर्चर किया गया. उन्हें उस गुनाह की सजा दी गई, जो उन्होंने किया ही नहीं था.