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कहीं लाशों से लूटपाट, कहीं जान बचाने का सौदा...

कहीं लाशों से लूटपाट, कहीं जान बचाने का सौदा...

कुदरत का कहर तो अपना काम कर चुका. जो बर्बाद करना था कर दिया. अब बारी कुदरत के ही बनाए इंसानों की है. क़हर ने इंसानों को लाश बना दिया, तो कुछ इंसान अब उन्हीं लाशों को नोचकर उनमें अपनी लालची जिंदगी तलाश रहे हैं...

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