एक सनकी लीडर की सनक पर सवार तीन से चार हजार लोगों की भीड़ को 80 एकड़ में फैलें मथुरा के जवाहर बाग से बाहर निकालना था. जिस अंदाज में इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया उसका नतीजा ये हुआ कि ना सिर्फ पूरा जवाहर बाग सुलग उठा बल्कि दो पुलिस अफसर भी शहीद हुए.