जैसे-जैसे दौर बदल रहा है आतंक का चेहरा भी बदल रहा है. पहले कट्टर धार्मिक लोगों को उकसा कर आतंकवादी बनाया जाता था. उसके बाद कम पढ़े-लिखे लोगों को फांसने की कोशिशें हुईं. अब पढ़े-लिखे लड़कों को गुमराह किए जाने की बारी है. ढाका हमले के जिन पांच गुनहगारों का चेहरा सामने आया है वो सभी ना सिर्फ अच्छे और अमीर घराने से हैं बल्कि बड़े-बड़े नामी स्कूल और कॉलेज के पढ़ने वाले हैं.