लगभग 15 बाई 20 स्क्वायर फीट का हॉल रहा होगा वो, कुछ कुछ ऐसा ही हॉल के ऊपर लोहे की एक जाली लगी थी. हवा और रौशनी के लिए घर में जो भी मेहमान आता, उसे इसी हॉल में बिठाया जाता.कुछ दिन पहले चूंकि घर में सगाई थी लिहाज़ा घर के साथ-साथ हॉल को भी रंग रोगन करके चमका दिया गया था. लेकिन एक जुलाई की सुबह के बाद से इस हॉल के अंदर जो भी गया, वहीं सिर से पैर तक सिहर उठा. सिर्फ़ सोच कर ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं कि 15 बाई 20 स्क्वेयर फीट के एक हॉल में एक साथ दस लोग बिल्कुल पास-पास खड़े होकर कैसे फांसी के फंदे पर झूल सकते हैं.