खौलते-दहकते शोलों ने क़रीब महीने भर से अमेरिका के हवाई और ग्वाटेमाला को दहला रखा है. रह-रह कर फूटते ज्वालामुखी और इनसे निकलते लावे की नदियां अपने रास्ते में आनेवाली हर चीज़ को खाक करती आगे बढ़ रही हैं. मरने वालों की तादद लगातार बढ़ रही है. हालांकि इन शोलों ने अपने अंदर से कई सवाल भी बाहर उगले हैं. सवाल ये है कि आखिर ज़मीन के अंदर धधकती आग कहां से आती है? ज़मीन के नीचे मौजूद पत्थर किन हालात में आग का दरिया बन जाती हैं? ज्वालामुखी का ज्वाला आखिर कितना गर्म होता है. बहते लावे का तापमान कितना होता होगा?