बगदादी के सिरफिरे आतंकवादियों के लिए शायद मौत हंसी-खेल का नाम है. तभी तो इराक के एक आतंकवादी कैंप में जब दुश्मन के ठिकाने पर हमले के लिए जाने वाले फिदायीनों में 'पहले मैं-पहले मैं' की होड़ लगी, तो फैसला दो बंद मुट्ठियों से लिया गया. दो ऐसी मुट्ठी, जिनमें एक में मौत कैद थी, तो दूसरे में जिंदगी थी. देखिए 'वारदात'.
vardaat episode of 3rd january 2017 on bagdadi terrorist plan