2016 की आखिरी रात को अलविदा कहने और 2017 की पहली रात का स्वागत करने के लिए बहुत सारे लोगों की तरह वो भी दिल्ली में एक फाइव स्टार होटल में गया था, पर वहां ज्यादातर कपल थे. बस वो और उसके तीन दोस्त ही थे यानी उनके साथ कोई लड़की नहीं थी. इसके बाद जश्न के नाम पर ड्रिंक और डांस का दौर शुरू होता है और फिर वो अगले कई घंटे तक बस दूसरी लड़कियों को भीड़ और माहौल का फायदा उठा कर छूता रहता और खुश होता रहता है. ये कहानी एक की है पर शायद हकीकत बहुत सारे लोगों की है. दरअसल यही वो लोग हैं जो नहीं जानते कि नो का मतलब नहीं होता है.
vardaat episode of 4th jan 2017 on women security and pride in the society Bengluru Molestation case