तब प्लेन की रफ्तार थी सात सौ किलोमीटर प्रति घंटा. इसी रफ्तार से वो 38 हजार फीट की ऊंचाई से नीचे आ रहा था. पर कुछ इस तरह कि ना प्लेन को झटका लग रहा था और ना ही मुसाफिरों को कोई शक. पर कॉकपिट के बाहर मौजूद मेन पायलट को बात समझ में आ गई थी कि प्लेन तेजी से नीचे जा रहा है.
Vardaat: german plane crash a story of 11 minutes