कहते हैं बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं. जिस सांचे में ढालो, ढल जाते हैं. लेकिन इस बग़दादी का क्या करें, जो बच्चों को दहशतगर्दी के सांचे में ढालने में लगा है. तभी तो सीरिया और इराक जैसे मुल्कों में हजारों बच्चे आज आईएसआईएस के चंगुल में फंस कर उस उम्र में मरने-मारने का सबक सीख रहे हैं, जिस उम्र में इंसान को ठीक से जीना भी नहीं आता.