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'दस्तावेज फाड़े जा सकते हैं, मेरा हुक्म नहीं'

'दस्तावेज फाड़े जा सकते हैं, मेरा हुक्म नहीं'

आज वो बोलेगा और आप सुनेंगे. आप सुनेंगे उसको जिसे देश का कानून अपने सामने देखना चाहता है. सुनिएगा कि कैसे वो खुद को प्रधानमंत्री के बराबर मानता है. सुनिएगा कि कैसे वो खुद को ही अदालत, वकील, जज सब मानता है.

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