सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने अचानक 70 एमएम के स्क्रीन पर दाग लगा दिया है. रुपहले पर्दे के पीछे का काला सच एक बार फिर सामने आने की कोशिश कर रहा है. ये सच सवाल पूछ रहा है कि क्या सचमुच फिल्म इंडस्ट्री भी गैंग में बंटी हुई है? क्या फिल्म इंडस्ट्री के मुट्ठी भर लोग ये तय करते हैं कि किसे काम मिलना है और किसे नहीं? किसे ज़मीन से उठा कर फलक पर बिठाना है और किसे सितारे से टूटा तारा बनाना है. मगर सपनों की इस दुनिया की भी कुछ कड़ुवी हकीकत है. एक ऐसी हकीकत जो सुशांत सिंह राजपूत जैसे अदाकार की मौत के बाद हमारे सामने आती है. देखिए वारदात.