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वारदातः जंग में हमेशा ज़िंदगी ही हारती है

वारदातः जंग में हमेशा ज़िंदगी ही हारती है

हाकिम और हुकूमतें अवाम को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर जंग छेड़ती हैं. जंग थमती है तो कोई जीतने की खुशफहमी में डूबा रहता है, तो कोई हारने के ग़म में, जबकि सच्चाई ये है कि जंग में हमेशा ज़िंदगी ही हारती है. पर यहां तो हाकिम भी अपना, मुल्क भी अपना औऱ अवाम भी अपनी. फिर भी अपने ही हाकिम ने अपने ही देश की जनता पर आसमान से ऐसा जहर बरसाया कि पल भर में 70 लोग मौत के मुंह में समा गए. जिनमें ज्यादातर बच्चे थे. जी हां, हम सीरिया में हुए रासायनिक हमले की ही बात कर रहे हैं.

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