40 दिन के सन्नाटे और खामोशी के बाद सोमवार सुबह-सुबह अचानक पूरे देश में सोशल डिस्टेंसिंग झूमती और गोले में खड़ा लॉकडाउन नशे में मदहोश नज़र आ रहा था. तलब ने लॉकडाउन का सबब ही बेकार कर दिया. प्यास ने दो गज़ की दूरी की आस ही खत्म कर दी. गोले गुम हो रहे थे, गलियां गुलज़ार औऱ सड़क आबाद. 40 दिन बाद अचानक इतने सारे इंसान एक साथ खड़े देखने को मिल रहे थे. 40 दिन बाद दुकान जो खुल रही थी. तो क्या लॉकडाउन के बाद की तस्वीर ऐसी ही होने वाली है या हम स्पेन से कुछ सीखेंगे?