दो चरणों में लगभग 15 से 18 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी. दूरी तय करने के लिए गाड़ी का इंतजाम होना था. गाड़ी पर सवार होने से पहले हथियारों की जांच होनी थी, फिर हथियार साथ लेने थे. उससे पहले इन सारी चीजों की थाने में रवानगी दर्ज करानी थी. और तब कहीं विकास दुबे पर दबिश डालने के लिए निकलना था. अब अगर हम आपको ये कहें कि उस रात विकास दुबे पर एफआईआर दर्ज होने से लेकर एनकांउटर तक सब कुछ सर्फ 38 मिनट में निपट गया तो क्या आप यकीन करेंगे? देखें विकास दुबे पर FIR की पूरी कहानी.