scorecardresearch
 
Advertisement

पवन जल्लाद से सुनें दोषियों की फांसी से पहले कांपते पैरों की कहानी

पवन जल्लाद से सुनें दोषियों की फांसी से पहले कांपते पैरों की कहानी

सात साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया है. निर्भया के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गई. पूरे देश ने इस दिन को 'इंसाफ का सवेरा' बताया तो वहीं निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटाकने वाले पवन जल्लाद ने फांसी के दिन की कहानी बयां की. पवन जल्लाद ने कहा कि चारों दोषियों के चेहरे पर काला कपड़ा ढका हुआ था. इसलिए यह नहीं बताया जा सकता कि किसकी क्या मनोदशा थी, लेकिन जैसे ही उन्हें फांसी के तख्ते पर लाया गया, वह सहमे हुए थे. पवन जल्लाद ने कहा कि घड़ी की सुईं में ठीक साढ़े पांच बजते ही जेल अधिकारियों ने फांसी का संकेत दिया और उसने लीवर खींच दिया. चारों दोषियों को दो तख्तों पर खड़ा किया गया. फांसी देने के लिए लीवर दो बार खींचना पड़ा. पवन ने कहा, मुझे तसल्ली है कि इतनी जघन्य वारदात करने वालों को मेरे हाथ से फांसी हुई. सुनिए पवन जल्लाद की जुबानी गुनहगारों को फांसी देने की कहानी. देखें वारदात

Advertisement
Advertisement