90 के दशक में हिंदुस्तान के पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में तालिबान की तूती बोलती थी. लेकिन 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका ने ओसामा की तलाश में जब अफगानिस्तान में हमला किया तब इनकी सल्तनत को भी उखाड़ फेंका. पिछले 20 सालों से अमेरिकी सैनिक तालिबान को तबाह करने के लिए अफगान में ही डटे हुए थे. दुनिया ने सोचा था कि अफगान में अमेरिका की मौजूदगी तालिबान को तबाह कर देगी लेकिन अरबों डॉलर बर्बाद करने और अपने ही हज़ारों सैनिकों की मौत के बाद अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से लौट रहे हैं और इसी के साथ लौट रहे हैं तालिबानी आतंकी. आधे से ज़्यादा अफगानिस्तान पर तालिबान कब्ज़ा जमा चुका है और काबुल भी अब दूर नहीं है. देखें वारदात.