कहते हैं कि समस्या अगर एक है तो यकीनन उसका फैसला भी एक होना चाहिए. मगर उस फैसले पर पहुंचने के रास्ते अगर कई हों तो सबसे अहम हो जाता है वो रास्ता. और अयोध्या का हल आखिरकार उन्हीं कानूनी रास्तों से होकर निकला है. फैसला देश की सबसे अदालत से आया है. और ये फैसला बहुत कुछ कहता है. तो अदालत ने तो अपना काम कर दिया. अब जिम्मेदारी हम सबकी है. 27 साल बाद फिर वक्त मौका दे रहा है जब हम सब एक दूसरे के लिए मिसाल पेश करें. ऐसी मिसाल जो हमेशा-हमेशा के लिए इस मुल्क की तक़दीर बन जाए. देखिए वारदात शम्स ताहिर खान के साथ.