आज वारदात में बात उस वारदात की जो जुल्म नहीं बल्कि एक रिवाज है. इंसानों के लिए इंसानों का बनाया गया एक ऐसा कानून जिसे खूबहा कहते हैं. जिसे आंख के बदले आंख और हाथ के बदले हाथ.