इस तेज रफ्तार भागती दुनिया के साथ कदम से कदम मिला कर भागने के चक्कर में हम सब कहां और किधर भाग रहे हैं कभी सोचा है आपने? ख्वाहिशों का गुलाम बन कर हर ख्वाहिश को पूरी करने के चक्कर में कहीं हम और आप भी अपने पांव चादर से बाहर तो नहीं निकाल रहे?