पाकिस्तान की इमरान सरकार पर संकट तो था ही. एकजुट विपक्ष खिलाफ, इमरान के कई सांसद खिलाफ और सबसे बड़ी बात सेना प्रमुख बाजवा खिलाफ. इन सब विरोधियों को इमरान ने नाम दिया विदेशी साजिश. लेकिन बात विदेशी की नहीं है बल्कि स्वेदशी सेना की है. सेना ने इमरान खान को तीन विकल्प दिए थे, पहला इस्तीफा, दूसरा अविश्वास प्रस्ताव और तीसरा चुनाव. वो नेता ही क्या जो चालाकी ना जाने, इमरान खान ने यही दांव आजमाया. आखिरी बॉल तक बैटिंग करने का दावा किया और आखिरी ओवर ही खारिज करा दिया. पाकिस्तान की संसदीय कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को असंवैधानिक बता दिया. कार्यवाही स्थगित कर दी गई. इमरान पीएम से कार्यवाहक पीएम हो गए, फैसले से नाराज विपक्ष ने संसद पर कब्जा कर लिया और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.