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'राजनीति' ने ली एक जन आंदोलन की बलि

'राजनीति' ने ली एक जन आंदोलन की बलि

समाजसेवी अन्‍ना हजारे की अगुवाई में हुआ आंदोलन, भ्रष्‍टाचार से जूझती जनता के लिए उम्‍मीद की एक किरण था. इस आंदोलन में उमड़े जनसैलाब ने सरकार को हिलाकर रख दिया था. अन्‍ना के अहम सहयोगी अरविंद केजरीवाल व अन्‍य साथियों ने जब राजनीतिक पार्टी बनाने का मन बनाया तो अन्‍ना ने अपने को उनसे पूरी तरह अलग कर लिया. अन्‍ना राजनीति में आने के बिलकुल खिलाफ हैं.

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