किसी पत्रिका में एक लेख छपा, उसने मंदी के खिलाफ कुछ लोगों के गुस्से को भड़काया, फिर वाल स्ट्रीट पर महीना भर पहले विरोध-प्रदर्शन हुआ और आज कॉर्पोरेट दुनिया के खिलाफ 82 देशों में विरोध और बगावत एक खतरनाक अंजाम की तरफ बढ़ रहा है.