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कहीं बर्फ से बर्बादी, कहीं तूफान का कहर...

कहीं बर्फ से बर्बादी, कहीं तूफान का कहर...

मौसम का पारा गिरता जा रहा है. कुदरत के गुस्से का पारा चढ़ता जा रहा है. कहीं बर्फ बर्बाद कर रहा है, तो कहीं तूफान परेशान कर रहा है. कहीं बारिश ने इंसानी बस्ती को रहने लायक नहीं छोड़ा, तो अपने हिंदुस्तान में ठंड के साथ धुंध और कोहरा मुश्किलों के सबब बन रहे हैं. आलम ये है कि धरती इन दिनों कुदरत के चार कहर झेल रही है...

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