हिमालय से हिंद महासागर तक जीवन देने वाली गंगा अपने ही धाम में कैद हो गई है. गंगा की धारा उस गोमुख से भी दूर हो गई है, जहां से गंगा धरती पर प्रकट होती है. ग्लेशियर टूटने से गंगा की धारा अब गोमुख की बजाय नंदनवन के रास्ते आ रही है. इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि अगर गोमुख में गंगा का द्वार नहीं खुला, तो कैसे बचेगी गंगा.