मुंबई पर लगे 26-11 के जख्म आज भी अपना गुनाह पूछ रहे हैं. उनके गुनाहों का जवाब तो किसी के पास नहीं है, लेकिन मुंबई को लहूलुहान करने वाले हैवान को उसके गुनाहों की वाजिब सज़ा सुना दी गयी है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने 26-11 के गुनहगार अजमल कसाब की फांसी की सजा को बरकरार रखा है. इस फैसले से पूरा देश खुश है, लेकिन इन खुशियों के आगे एक बड़ा सवालिया निशान भी लगा है कि कब होगी कसाब को फांसी.