क्रिकेट पर दौलत और ग्लैमर के रंग चढ़ा तो फिक्सिंग की कालिख भी पुती. वो फिक्सिंग, जो सटोरियों के बंद कमरों से निकलकर ऑन द स्पॉट तक बढ़ती चली गयी. इस धंधे में क्रिकेट मुनाफे का सौदा बन गया, और इस काले खेल के सौदागर बन गये खिलाड़ी, सटोरिये और ग्लैमर.