scorecardresearch
 
Advertisement

संसद की उम्र तो बढ़ी लेकिन अनुभव घटी!

संसद की उम्र तो बढ़ी लेकिन अनुभव घटी!

लोकतंत्र के मंदिर यानी हमारी संसद के 60 साल के बेहतरीन सफर के पूरे होने पर मनाया गया. जी हां, हिंदुस्तान की संसद 60 बरस की हो चुकी है. बेशक संसद की उम्र बढ़ रही है लेकिन अनुभव का खजाना भी उतना धनी होता जा रहा है. 13 मई 1952 को पहली बार संसद की बैठक हुई थी और तब से लेकर आजतक इन 60 सालों में संसद ने बहुत कुछ देखा, खुशियों के हजारों नजारे देखे तो दर्द भरे काले मंजर भी. आइए हम भी आपको ले चलते हैं. 60 की हमारी संसद के उसी सुहाने सफर पर.

Advertisement
Advertisement