मनमोहन सिंह के साढ़े सात साल के राज में महंगाई तिगुनी हो गई है. पहले तो लोगों ने अपने गुस्से पर जैसे-तैसे काबू रखा लेकिन जब सरकार के वादे एक के बाद एक झूठे साबित होने लगे और पेट्रोल की कीमत हफ्ते-महीने में बढ़ने लगी तो सामने आया सवा अरब लोगों का आक्रोश. महंगाई से देश त्राहिमाम कर रहा है लेकिन सरकार को कोई फिक्र नहीं. सरकार के रुख से तो लगता है कि वो जनता के जले पर नमक ही छिड़कर रही है. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से शुक्रवार को जब पेट्रोल की कीमतों पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने चिंता तो जताई लेकिन इस पर लगाम लगाने के सवाल पर हाथ खड़े कर दिए.