एक जिस्म दो जान..दो मासूम बहनें कुदरत के इस अनोखे कारनामे का दंश झेल रही थीं. लेकिन जिन्दगी जीने के लिए उनका एक-दूसरे से अलग होना जरूरी था. डॉक्टरों की मेहनत से वो अलग हुईं भी लेकिन कुदरत ने खेल दिया एक औऱ खेल. आराधना को हमेशा के लिए स्तुति से जुदा कर दिया लेकिन अब सवाल स्तुति की सलामती का है. इसीलिए अब स्तुति के लिए हो रही है आराधना.