योग गुरु बाबा रामदेव का आंदोलन मायूसी के साए में आगे बढ़ा. भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे पर इस आंदोलन से सबका मोहभंग होता दिख रहा था. लोगों को आंदोलन में ना धार दिख रही थी और ना ही कोई मंज़िल , लेकिन इसका अंत वैसा ही हुआ, जैसा बाबा चाहते थे.पांच दिन में हर किसी ने देख ली भ्रष्टाचार से जंग की रामदेव लीला.