कुदरत की मेहरबानी से ये दुनिया आबाद है. हजारों साल से इंसानी सभ्यता फल-फुल रही है लेकिन जब कुदरत के कानून में इंसान का बेजा दखल बढ़ा तो कुदरत ने भी अपना खतरनाक अंदाज दिखाना शुरु कर दिया.