2जी घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जहां टेलीकॉम कंपनियों की नींद उड़ गई है, वहीं सरकार को नहीं सूझ रहा कि वो अपनी साख बचाए या फिर गृहमंत्री पी चिदंबरम की ढाल बने? सरकार को इस नाजुक हालत में पहुंचाया है एक ऐसे शख्स ने, जिसके पास पार्टी तो है, लेकिन कोई सांसद नहीं, फिर भी तेवर ऐसे कि लोग उन्हें कहते हैं सियासत के स्वामी दादा.