30 साल लंबी मायूसी और लाचारी की काली रात खत्म हुई और फिरोजपुर के सुरजीत सिंह की जिंदगी में एक सुनहरी सुबह ने दस्तक दी. लाहौर जेल में तीस साल का कैद काटने वाले सुरजीत की रिहाई हो गयी. ये खुशी दोगुनी हो जाती, अगर पाकिस्तान ने सुरजीत के साथ-साथ उस सरबजीत को भी रिहा कर दिया होता, जिसकी रिहाई का एलान करके पाकिस्तान पलट गया. पाकिस्तान इसे सुरजीत और सरबजीत के बीच नाम की गफलत बता रहा है.