पाकिस्तान में तालिबान के आतंकवादी जिसे चाहते हैं, सरेआम गोली मार देते हैं और कोई चूं तक नहीं करता. लेकिन, मंगलवार को तालिबान ने 14 साल की एक स्कूली छात्रा को गोली मारी, तो पूरा पाकिस्तान हिल गया. तालिबान के सबसे मजबूत गढ़ स्वात घाटी में हुई इस घटना के लिए तालिबान तीन साल से तैयारी कर रहा था. वो मलाला यूसुफज़ई नाम की उस मासूम की जान के पीछे पड़ा है, जो तालिबान के जुल्म के खिलाफ जुबान खोलने का हौसला रखती है.