जिस जंतर मंतर से अन्ना हज़ारे ने राजनीति को ललकारा था, भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाई थी और जनता में ये उम्मीद कि भ्रष्टाचार की जड़ राजनीति की सफाई जन लोकपाल से ही हो सकती है, अब उसी जंतर मंतर पर अन्ना को एहसास हो चला है कि जन लोकपाल की खातिर राजनीति के दंगल में उतरे बिना काम नहीं चलेगा. सिर्फ सोलह महीने में अन्ना का जंतर मंतर बन गया है राजनीति का मंतर.