वो दौर गया, जब अमेरिका का राष्ट्रपति हिंदुस्तान आता था दाता बनकर. अब वो दौर है, जब अमेरिका को हिंदुस्तान से मदद की दरकार है. मदद माली हालत सुधारने के लिए, मदद अपने देश के बेरोजगारों को काम दिलाने के लिए. तभी तो महज छह घंटे में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 450 अरब रुपये की डील कर ली.