scorecardresearch
 
Advertisement

बेहतर इंसान हैं 'क्रिकेट के भगवान'

बेहतर इंसान हैं 'क्रिकेट के भगवान'

सचिन तेंदुलकर का कद किसी ओहदे का मोहताज नहीं है. वे तो बस खुलकर खेलना चाहते हैं और देखना चाहते हैं टीम को खुलकर खेलते हुए ताकि संन्यास लेने से पहले वर्ल्ड कप जीतने का सपना भी सच हो जाये. 'क्रिकेट के भगवान' एक बेहतर इंसान भी है.

Advertisement
Advertisement