न नेताओं जैसा वेश, न नेताओं जैसा भाषण और न ही नेताओं वाली चाल-ढाल, जी हां यही हैं केजरीवाल. लेकिन उन्होंने राजनीति में एक नई क्रांति का आगाज कर दिया है. सिर्फ 13 महीने पहले ‘आप’ पार्टी बनाई और सत्ता के दहलीज पर पहुंचा दिया. लोकतंत्र के इतिहास में उन्होंने करिश्मा कर दिया.