हादसों पर इंसान का ज़ोर नहीं, ऊपरवाला जब हम इंसानों पर कहर बरपा करता है तो फिर वो बड़ा-छोटा, आला-अदना कुछ भी नहीं देखता. लेकिन काश ये बात हम इस बच्चे को समझा पाते. काश ये बच्चा उस दर्द की विरासत को संभालने के काबिल होता जो ऊपरवाले ने इसके तक़दीर में बेहवजह लिख दिया.